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तो चलिए blog को शुरू करते हैं बिना किसी देरी के :-
दोस्तों , हम सभी के मोबाईल फोन में अलग - अलग डिस्प्ले होते हैं। हम सभी के मोबाईल फोन में IPS या TFT या Retina display या OLed या फिर Amoled या S-amoled display होता है। दोस्तों, डिस्प्ले के कारण ही हमें अपने मोबाईल फोन में मूवीज,गेम्स या फिर किसी भी काम को करने में आनंद आता है। आइए अब जानते हैं इन डिस्प्ले और इनके advantages और disadvantages के बारे में।
1. TFT display
दोस्तों , TFT का फूल फॉर्म Thin Flim Transistor होता है। ये TFT डिस्प्ले सस्ते स्मार्टफोन या फिर ₹5000-6000 के स्मार्टफोन में आते हैं। यह डिस्प्ले बहुत ही ख़राब क्वालिटी का होता है।इसीलिए यह बहुत सस्ता होता और सस्ते फोन्स में इसका इस्तेमाल बहुत किया जाता है।
Advantages और disadvantages of TFT display :-
- यह बहुत ही सस्ता होता है।
- यह डिस्प्ले बहुत ही कमज़ोर होता है और आसानी से टूट जाता हैं।
- इसके colors अच्छे नहीं होते हैं।
- यह battery बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल करता है।
- यह सस्ते स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल किया जाता है।
- इसके viewing angles बहुत ही घटिया होते हैं।
दोस्तों , IPS का फूल फॉर्म In Play Switching होता है। ये IPS डिस्प्ले आजकल के अधिकतर स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल किया जाता है। यह डिस्प्ले TFT से महंगा होता है और उससे काफ़ी अच्छा होता है।
Advantages और disadvantages of IPS display :-
- यह थोड़ा महंगा होता है।
- इसके pictures बहुत ही अच्छे होते हैं क्योंकि इसमें आपको अच्छे colors मिलते हैं।
- यह battery कम इस्तेमाल है।
- इसके viewing angles बहुत ही बढ़िया होते हैं।
दोस्तों , Retina display का उपयोग iphones में किया जाता है। यह डिस्प्ले काफ़ी महंगा होता है और इसके बहुत से ख़ासीयत हैं। आइए उनके बारे में जानते हैं।
Advantages और disadvantages of Retina display :-
- यह बहुत ही महंगा होता है।
- इसमें आपको अच्छी pixel density मिलते हैं।
- यह आपके आंखों को कम चुभता है।
- इसमें आपको काफ़ी अच्छे colors मिलते हैं।
दोस्तों , OLed का फूल फॉर्म Organic Light Emitting Diode होता है। यह डिस्प्ले lcd डिस्प्ले से महंगा होता है और इसके बहुत से ख़ासीयत हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
Advantages और disadvantages of OLed display :-
- यह LCD से बढ़िया होता है।
- इसका response time अच्छा होता है।
- यह बहुत ही कम battery इस्तेमाल है।
- इसका manufacturing process बहुत ही महंगा होता है।
- यह पानी से बहुत ही आसानी से damage हो जाता है।
दोस्तों , Amoled का फूल फॉर्म Active Matric OLed होता है और S-Amoled का फूल फॉर्म Super Active Matric OLed होता है। दोस्तों, Amoled डिस्प्ले OLed डिस्प्ले का एडवांस फॉर्म होता है और S-Amoled डिस्प्ले Amoled डिस्प्ले का एडवांस फॉर्म होता है। ये आपको महंगे स्मार्टफोन्स में मिलते हैं। आइए जानते हैं इनके ख़ासीयत के बारे में।
Advantages और disadvantages of Amoled & S-Amoled display :-
- यह बहुत ही महंगा होता है और अधिकतर महंगे स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल किया जाता है।
- इस डिस्प्ले में आपको बढ़िया contrast और response time मिलता है।
- यह बहुत ही काम battery इस्तेमाल करता है।
- यह भी OLed डिस्प्ले की तरह पानी से आसानी से damage होता है।
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